Friday, October 21, 2016

तू हमनशीं हमनवाज़ हमकदम बनजा

तू हमनशीं हमनवाज़ हमकदम बनजा,
न 'मैं' रहे, न 'तू' रहे आज हम बनजा।

मैं गुन गुनाउं गीत तुम हो मेरे,
मैं हार जाऊँ जीत तुम हो मेरे,
हूँ दिले-मरीज तू मरहम बनजा ,
तू हमनशीं हमनवाज़ हमकदम बनजा,

मितादूं फ़ासले जो भी आयें ,
तेरे पहलू में दिन गुजर जाये,
मैं सुर बनूंगा तू सरगम बनजा ,



3 comments:

  1. क्या बात है ... आज हम बन जा ... बहुत खूब ...

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  2. शुक्रिया Digamber Naswa ji

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  3. शुक्रिया Digamber Naswa ji

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