Tuesday, September 20, 2016

मुहब्बत है

इक एहसास मुहब्बत है और कुछ भी नही ,
अनकही प्यास मुहब्बत है और कुछ भी नही,

एक जर्रा भी वही है उसी के जैसा है,
दिली- कयास मुहब्बत है और कुछ भी नही ।

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