Saturday, February 22, 2014

कोई साथ हो या न हो तो क्या

तेरे साथ मैं मेरे साथ तू , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
चल थाम हाथ में हाथ यूँ , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।

हर राह में हर मोड़ पर तुझे मैं मिलूं मुझे तू मिले ,
तेरे साथ की मैं दुआ करूं , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।

ना रंज है न मलाल है जैसा भी अपना हाल है ,
मैं क्यूँ किसी से गिला करूं ,कोई साथ हो या न हो तो क्या ।

मेरी फिक्र तू तेरी फिक्र मैं बस किया करें यूँ जिया करें ,
तेरे वास्ते ही जियूं - मरूं , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।


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