Monday, November 11, 2013

मांफीनामा

तुमको अगर सुनाई दे तो मैं भी रो लूँ ।
बहुत बेसबर हुआ है दिल कुछ सबर तो ले लूँ ।

हँसते - हँसते झूठी हंसी जी उब गया है ,,
जी करता है लगके तेरे गले से रो लूँ ।

किये हुए बरताव का पश्चाताप हैं आंसूं ,,
आज तेरे आगे रोके सब पाप मैं धो लूँ ।

बिना मुहब्ब्त के दुनियां में क्या रखा है ,,
तुम भी मेरे हो जाओ मैं तेरा हो लूँ ।

तुमने गर माँफी मुझको दे दी तो बोलो ,,
आज तुम्हारे कांधे पे सर रख कर सो लूँ ।

इक तो तुम रूठे उसपे अलसाया मौसम ,,
इक नाजुक दिल पे बोलो गम कितने झेलूं ।

2 comments:

  1. सुन्दर भाव लिए हैं सभी शेर ... लाजवाब गज़ल ...

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