Friday, October 4, 2013

तू कितनी भोली भोली है

बिना तेरे जिन्दगी की हर इक शाम काली है ।
अगर जो तू नही तो क्या है होली क्या दिवाली है ।

मेरे जीवन में जितने रंग हैं सब रंग हैं तुमसे ,
बिना तेरे मैं ऐसी हूँ जैसे पैमाना खाली है ।

अगर तुम पास होते देखते क्या हाल है मेरा ,
तुम नाराज हो जाते की क्यूँ नींदें उडाली है ।

थपेड़ों ने तूफानों के मुझे इतना बदल डाला ,
शिकायत कर न पाओगे तू कितनी भोली भोली है । 

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