Wednesday, June 26, 2013

याद उसकी आ रही मुझको

उसे मेरी याद आई है की मौसम ही कुछ ऐसा है ,
यूँ ही तो नही सुबह से हिचकी आ रही मुझको ।

जरा सी बात है की उसको मेरी याद आई है ,
न जाने क्यूँ बहुत ही याद उसकी आ रही मुझको ।

ये अच्छा है की मेरी याद उसको आ गई लेकिन ,
ये अच्छा नही की याद उसकी आ रही मुझको ।

की अब न नींद आएगी की रातें यूँही जाएगी ,
इरादा यादों का क्या है समझ में आ रही मुझको ।

वफाओं का सिला है ये मुहब्बत में मिला  है ये  ,
की बस ये हाल है की याद उसकी आ रही मुझको ।



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