Monday, May 20, 2013

शायरी

ना जानू किस हाथ ने थामी मन की डोर ,,,

कलम तो मेरे हाथ है लिखने वाला और ।

नजरें सबकी मुझपे है मेरे नाम का शोर ,,,

करता तो कोई ऒर है सर मेरे सिरमौर । 

No comments:

Post a Comment