Monday, February 4, 2013

शायरी

तुम्हारी याद में हम इसकदर बेजार हो लिए ।
               बहाए अश्क अपने और दिल के जख्म धो लिए ।

तुम्हारी बात करकरे रोज हमने चांद को छेड़ा ,
                    तुम्हारा नाम लेके रात के साये में सो लिए ।

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