Friday, February 15, 2013

प्रेम की पाती (वसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजा की हार्दिक बधाई) )

प्रेम की पाती भेज रही हूँ , साजन पढ़ लेना ।
मेरे दिल के एहसासों को  , दिल में भर लेना ।

फूलों की इन पंखुरियों में , रख दी आंसूं की बूंदें ,
चूम के तुम इन पंखुरियों को , पावन कर देना ।
 प्रेम की पाती भेज रही हूँ ,  साजन पढ़ लेना ।

कितनी रातें जाग के काटी , यादों में तेरे साजन ,
कैसी थी वो रातें काली  ,  मन में गढ़ लेना ।
प्रेम की पाती भेज रही हूँ , साजन पढ़ लेना ।

लोगों के न ताने लिखें , दर्द के अफ़साने न लिखें ,
प्यार के दिन बस प्यार लिखा , मत दिलपर लेना ।
प्रेम की पाती भेज रही हूँ  ,  साजन पढ़ लेना ।

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