Saturday, December 8, 2012

मुहब्बत न कर बहुत गिला होगा

वो कहते हैं , मुहब्बत न कर ,बहुत गिला होगा ।
शायद मुहब्बत में उन्हें , गम बहुत मिला होगा ।

उन्हें  भी  रातों  को  ,   नींद   न  आई  होगी ,
दिन  बेचैनीयों   के  साये में  ,   ढला  होगा ।

उनकी आँखों में   ,  उदासी का सख्त पहरा है ,
इन पलको में कभी   , खाब कोई  जला होगा ।

उन्हें  यकीन  न  रहा   ,  वफा  की  बातों  पे ,
बेवफाई  ने   ,  इस  बुरी  तरह  छला  होगा ।

रौशनी ने दिया होगा   ,  उन्हें  तोहफा गम का  ,
ख़ुशी  की  आस  में  ,  अँधेरों  में  चला  होगा ।

कोई तो जख्म है  , जो सबसे  छुपा  रखा  हैं ,
भला  ऐसे  ही  कोई  कैसे   ,  बावला  होगा ।

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