Monday, December 24, 2012

जाने जां कुछ तो बोलो ना

कोई  प्रेम सा मन में घोलो ना ,
जाने - जां  कुछ तो बोलो ना ।

अच्छा हो , बुरा तुम बोलो ना ,
पर ये क्या की तुम बोलो ना ।

 दिल में जो लगकर चुभ जाये ,
कोई बात तीर सा बोलो ना ।

पर यूँ गुमसुम न रहा करो ,
दिल जलता है कुछ बोलो ना ।

रूठे हो  , अब कब मानोगे ,
जानेमन कुछ तो बोलो ना ।

सूना - सूना सा लगता है ,
जब भी तुम कुछ भी बोलो ना ।

कुछ गिला करो कुछ प्यार करो ,
अनबन छोडो मुंह खोलो ना ।

अब कसम मेरी जो ना बोले   ,
पत्थर हो क्या कुछ डोलो ना ।

कोई  प्रेम सा मन में घोलो ना ,
जाने जां कुछ तो बोलो ना ।

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