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किमत भी लगाते हो , सरेआम प्यार का ,
और हमसे जताते हो , दिल बिकाऊ नही है ।
2
हम जिनके सम्भलने की दुआ करते है दोस्तों ,
वो ही मेरे फिसलने की राह देखता है रोज ।
किमत भी लगाते हो , सरेआम प्यार का ,
और हमसे जताते हो , दिल बिकाऊ नही है ।
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हम जिनके सम्भलने की दुआ करते है दोस्तों ,
वो ही मेरे फिसलने की राह देखता है रोज ।
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