Thursday, November 15, 2012

मै कैसे बेवफा कह दूँ

मै कैसे बेवफा कह दूँ ,
तू रुसवा सजन होगा ।

 छुपा तो लूँ जख्म सारे ,
मगर दिल में जलन होगा ।

तमाशबीन ये दुनियां ,
मज़ा लेगी तमाशे का,

जहाँ के सामने रुसवा ,
मुहब्बत का चलन होगा ।

सबब पूछेंगे सब तुमसे ,
तुम्हारी  बेवफाई  की ,

उठेंगी उँगलियाँ तुमपे ,
झुका मेरा नयन होगा ।

 रहेंगी राज बनके अब ,
हकीकत ये मेरे दिल में ,

मरूंगी मैं तो मेरे  साथ ,
ये किस्सा दफन होगा । 

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