Saturday, November 17, 2012

मै आइना हूँ

हमारी  जिन्दगी  है  एक  कहानी  की  तरह ,
हवा  हूँ  जिसमें  मैं  और  तू  पानी  की तरह ,

मेरी रुखों से तू  दामन तो यूं  छुड़ा के न जा ।
मै आइना  हूँ ,  मुझसे  नजर  चुडा के न जा ।

मैं वो खुशबू हूँ जो,जरूरी है जिन्दगी के लिए ,
मै बनाई गई  हूँ ,  दुनिया की ख़ुशी के लिए ,

महकता फूल हूँ  , कांटा मुझे बना के  न जा ।
मै आइना  हूँ ,  मुझसे  नजर  चुडा के न जा ।

बहुत कोशिश है तेरी , खुद को छुपाने की मगर ,
कहाँ जायेगा भला  ,  खुद से चुरा के तू नजर ,

मै  तो तस्वीर हूँ तेरी ,  मुझे मिटा के न जा ।
मै आइना  हूँ ,  मुझसे  नजर  चुडा के न जा ।

तू  जर्रा  नही  ,  तू  खुद  में  एक  दरिया  है ,
गमें - निजात  का  , तू  भी  एक  जरिया है ,

अपनी पहचान को नादान यूं मिटा के न जा ।
मै आइना  हूँ ,  मुझसे  नजर  चुडा के न जा ।

तुझे  मालूम  है  , तेरी  जिन्दगी  का  सबब ,
मुझमे देख अपना अक्स, और जाग जा अब ,

मै  तेरी जीत  हूँ ,  मुझको यूं  हरा  के न जा ।
मै आइना  हूँ ,  मुझसे  नजर  चुडा के न जा ।

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