Tuesday, November 13, 2012

मेरा दिल जलालो

नफरत  बहुत  है  जमाने के दिल में ,
मुहब्बत भरे अपने दिल में छुपालो ।

बहुत ही बड़ा है सनम दिल तुम्हारा ,
 मुझे भी कहीं अपने दिल में समालो ।

रोये  बहुत याद  में  हम  तुम्हारी ,
आँखों  से  अब  आंसुओं  को चुरालो । 

लड़ते  हुए  इस  जमाने  से  तन्हा ,
बहुत थक गई आओ तुम्ही सम्भालो ।

बहुत  बार  तुमने  है  आके  उबारा ,
हूँ मझधार में फिर से आके बचालो ।

नाराज  हम  तुमसे  होंगे  न  यारा ,
चाहे  हमे  आके  जितना  सतालो  ।

इस  बार  भी  बीती  सूनी  दिवाली ,
लो इस बार भी तुम मेरा दिल जलालो ।


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