Monday, August 27, 2012

तुम्हारे प्यार में तुम पर कभी मैं गीत इक लिखूं

तुम्हारे प्यार में तुम पर कभी मैं गीत इक लिखूं ,
और जब गुनगुनाऊ तुम मेरी आवाज बन जाना ।

जो छेडू दिल के तोरों को अपनी सांसों की धुन पर ,
धडकन ताल बन जाये और तुम साज बन जाना ।

कभी आये जहाँ चाहत हमारी आजमाने को ,
मैं अंजाम बन जाऊं और तुम आगाज बन जाना ।

कोई भी जन न पाए ये अफसाने मुहब्बत के ,
मेरे सीने में छुप के तू हसीं इक राज बन जाना ।

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