Saturday, June 2, 2012

दिल की बात

सोचते है की आज उनसे दिल की बात कहे ,
मगर डरते है हम , जाने क्या वो यार कहे |

ये भी मुमकिन है वो नाराज हमसे हो जाये ,
या फिर प्यार के बदले में हमसे प्यार कहे |

बड़ी उलझन में है दिल, कैसे हम कहे उनसे ,
उनकी  चाहत  में दिल कितना बेकरार रहे |

अभी  वो  जान  भी  पाए  कहां  हमे ज्यादा ,
फिर  भला  कैसे  उन्हें  हमपे  ऐतवार  रहे |

घड़ी  भर  के  लिए  भी  पास अगर बैठे  वो ,
तो सुन पाए की क्या धडकनों का तार कहे |

न  जाने  क्या  हो  उस  पल को हालत मेरी ,
जो  ये   दीवानगी  उनके  लिए  बेकार  रहे |

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