Tuesday, May 15, 2012

हसरत

धरा प्यारी गगन प्यारा , मगर उससे भी ए यारा ,
मुझे तेरा प्यार प्यारा है ।
जो चाहे तो बना दे तू , जो चाहे तो मिटा दे तू  ,
मेरा  जो है तुम्हारा है ।

इबादत हो मेरी पूरी , कभी सुन बन्दगी मेरी ,
बड़ा संगदिल खुदाया है ।
तेरा होना मेरा मुश्किल , नही माने ये मेरा दिल ,
की तू मुझसे पराया है ।

कभी ऐसा भी दिन आये , तुमको दिल की समझाये  ,
यही सपना सुहाना है ।
चले तन्हा अकेले में , रहे यादों के मेले में ,
दिल कैसा दीवाना है ।

ये है चाहा मेरे दिलने , कभी आओ हमे मिलने ,
इसी हसरत ने मारा है ।
तेरे हमपे करम होते , गले लग के तेरे रोते ,
इतना तो हक हमारा है ।

 

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