Thursday, April 12, 2012

शायरी

                       1
जो दूर था तो दर्द था की , तू पास नही है ,
अब पास है तो भी , तुझे खोने का गम है |
इसे प्यार कहले या मेरी दीवानगी अब तो ,       
मुझे साँसों से तेरी साँस , जुदा होने का गम है |
                   
                   


                          2
 इक तुझे ही गम नही , डसी मुझको भी जुदाई तेरी|

लगा के दिल से रही   , यादों की परछाई तेरी |

बड़ा मगरूर तू ,बस अपना गम ही रोया किये |

  कह दिया प्यार को मेरे थी  , बेवफाई मेरी |

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